नई ड्रोन नीति को जल्द लागू करेगी सरकार-राजनाथ सिंह
न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS)गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कानून लागू करने वाली एजेंसियों का आह्वान किया है कि वे आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा के लिए उभरने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के संबंध में नई टेक्नॉलोजी को अपनायें, ताकि उनकी क्षमता बढ़ सके। गृह मंत्री ने आज यहां तीन दिवसीय रक्षा और आंतरिक सुरक्षा प्रदर्शनी एवं सम्मेलन-2018 का उद्घाटन किया। इसका आयोजन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय(MSME Ministry) के सहयोग से पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ने किया है।
गृहमंत्री ने कहा कि सरकार हाल में घोषित नई ड्रोन नीति को जल्द लागू करेगी। इसमें ड्रोन के इस्तेमाल के संबंध में समग्र नियम होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ड्रोन का व्यापक इस्तेमाल कर रहे हैं। ड्रोन का इस्तेमाल संवेदनशील क्षेत्रों तथा वामपंथी उग्रवाद से पीडि़त क्षेत्रों की निगरानी के लिए किया जाता है, जहां निगरानी दल की तैनाती करना कठिन है।
राजनाथ सिंह ने खासतौर से जम्मू-कश्मीर, गुजरात और असम में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों की रोकथाम और निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी के उन्नयन और आधुनिकीकरण करने की घोषणा की। जम्मू क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि
सुरक्षा बल दुनिया के सबसे लंबे सीमा क्षेत्र की सुरक्षा में तैनात हैं, जिनकी लंबाई 7,500 किलोमीटर से अधिक है। इनमें से लगभग 900 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में बाड़ लगाना संभव नहीं है। इतने लंबे सीमा क्षेत्र की सुरक्षा और निगरानी के लिए हमें लेजर, रडार और अन्य आधुनिक तकनीकों की आवश्यकता है। साइबर अपराध आज दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा है तथा इसका मुकाबला करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करना होगा। इसके लिए गृह मंत्रालय ने एक विशेष प्रकोष्ठ बनाया है।
सीआरपीएफ के निदेशक श्री राजीव राय भटनागर ने राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में तैनात अर्द्धसैनिक बलों के विषय में एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने भावी आवश्यकताओं का खाका भी पेश किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ सरकारी और पुलिस अधिकारी, इस्राइल की राजदूत माया कदोश, पीएचडी मंडल के अध्यक्ष अनिल खेतान, मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष राजीव तलवार और डी.के. अग्रवाल, रक्षा एवं आतंरिक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष राजीव भटनागर (पीएचडी मंडल) उपस्थित थे।