NRC जारी होने के बादअसम में ड़र का माहौल ! जानिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जारी बयान में क्या कहा ?
न्यू दिल्ली,न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS),असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन जारी होने के बाद सूबे में वे लोग खौफज़दा है जिनके नाम नेशनल रजिस्टर में शामिल नहीं हुए है। नये मसौदे में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं. कुल 3.29 करोड़ आवेदन में 2.89 करोड़ लोगों के नाम नेशनल रजिस्टर में शामिल किए जाने के योग्य पाए गए हैं. वहीं 40 लाख लोग वैध नागरिक नहीं पाए गए. हालांकि यह फाइनल लिस्ट नहीं है बल्कि ड्राफ्ट है. . सरकार ने लोगों से अपील की है कि घबराने की ज़रुरत नहीं है जिनका नाम इस ड्राफ्ट में शामिल नहीं है वो इसके लिए दावा कर सकते हैं।
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बयान जारी किया है। इस जारी बयान में राजनाथ सिंह ने कहा है
आज असम में NRC की draft list का प्रकाशन हो रहा है। मैं इस बात को emphasis के साथ कहना चाहता हूँ कि यह एक DRAFT है, यह Final NRC नहीं है।
हर किसी को Claims एवं objection देने का पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। कानून में इसका प्रावधान है और हर किसी को सुनवाई का मौका मिलेगा, उसके बाद ही Final NRC का प्रकाशन होगा।
कुछ लोग अनावश्यक भय का माहौल पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि किसी प्रकार की डर या आशंका की जरूरत नहीं है। कुछ दुष्प्रचार भी किया जा रहा है। NRC की प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता के साथ की गयी है। हो सकता है कुछ लोग आवश्यक documents न दे पाये हों, इसलिए claims एवं objections की प्रक्रिया में उन्हें पूरा अवसर मिलेगा।
मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूँ कि Final NRC के बाद भी सभी को Foreigners Tribunal भी जाने का अवसर मिलेगा।
यानि Final NRC में किसी का नाम नहीं होने के बाद भी, Tribunal का रास्ता खुला रहेगा। किसी के विरूद्ध coercive action का प्रश्न ही नहीं है। अत: किसी को अनाश्वयक परेशान होने की जरूरत नहीं है।
NRC की प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्षता के साथ की गयी है, आगे भी पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ यह पूरी की जाएगी। यह process माननीय Supreme Court की monitoring में हुई है।
सियासत हुई तेज़,ममता ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं इस मसौदे के आने के बाद से राजनीति भी शुरू हो गई है. बनर्जी ने टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने प्रेस कांन्फ्रेंस कर केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की नीति बांटो और राज करो है। उन्होंने कहा कि क्या अब इन लोगों को जबरदस्ती निकाला जायेगा. वहीं टीएमसी सांसदों ने राज्यसभा में भी जमकर हंगामा किया जिसकी वजह से एक बार राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।