NRI भारतीय दूल्हों द्वारा छोड़ी गई दुल्हनों की जगी उम्मींद,दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया केंद्र को नोटिस

न्यूज़ नॉलेज मास्टर (NKM NEWS), अप्रवासी भारतीय दुल्हों द्वारा त्याग दी गई दुल्हनों तथा भविष्य में अप्रवासी भारतीय दुल्हों से शादी की उम्मीद लगाई बैठी लड़कीयों के लिए आज आशा की किरण पैदा हुई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में इस संबंधी दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ ने मामले को गंभीर तथा जरूरी बताते हुए ऐसे मामलों से संजीदगी से पेश आने की सरकार को बात कही। हाईकोर्ट ने इस मामले में तत्काल प्रभाव से भारत सरकार तथा संबंधित मंत्रालयों को शीघ्र जवाब दायर करने के लिए नोटिस भी जारी किया। इस मामले में अगली सुनवाई 9 नवम्बर को निर्धारित की गई है।

दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. तथा महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने हाईकोर्ट द्वारा इस मामले पर दिखाई गई संजीदगी के लिए धन्यवाद जताते हुए पत्रकारों को याचिका में की गई मांगों की जानकारी दी। जी.के. ने कहा कि अकेले पंजाब में अप्रवासी भारतीय दुल्हों द्वारा त्याग दी गई लगभग 30 हजार दुल्हने इस समय नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। क्यांकि शादी करने के बाद दहेज आदि लेकर अधिकतर दुल्हें विदेश भाग गये परन्तु अपनी दुल्हनों को अपने पास बुलाने की जहमत नहीं उठा रहे। क्योंकि हमारे देश के इस बारे में कमजोर कानून दुल्हों की मदद कर रहा है।

जी.के. ने बताया कि इस संबंध में दिल्ली कमेटी द्वारा 9 मई 2018 को पीड़ित लड़कीयों की सहायता के लिए एन.आर.आई. सेल की स्थापना कमेटी के कानूनी विभाग के चेयरमैन जसविन्दर सिंह जौली की अध्यक्षता में की गई थी। उसके बाद लगातार कमेटी के पास पीड़ित लड़कीयों ने पहुंच करनी शुरू की। हमने बिना किसी धर्म, जात या प्रदेश के भेदभाव के प्रत्येक पीड़ित को सहायता उपलब्ध कराने की कोशिश की। जिस वजह से दिल्ली कमेटी अभी तक लगभग 50 भगौड़े दुल्हों के पासपोर्ट रद्द करवाने में कामयाब हुई है। साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने 26 अगस्त को इस संबंध में केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय के अधीन सभी मामलों की जांच के लिए मंत्रालय की उपसचिव शिप्रा राय की अध्यक्षता में इन्टरग्रेटिड नोडल ऐजेंसी बना दी है। जिसके पास भगोड़े दुल्हों के खिलाफ लुक आऊट नोटिस जारी करने का प्रभावी अधिकार भी है।

जी.के. ने याचिका में की गई मांगों का जिक्र करते हुए बताया कि हमने हाईकोर्ट से एक निगरानी कमेटी बनाने की मांग की है जो कि सभी लंबित मामलों तथा शिकायतों की जांच कर सके। इसके साथ ही एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की मांग की गई है जो कि इस संबंध में जरूरी नियमावली बनाये। उक्त नियमावली संबंधित औरतों के अधिकारों तथा रूचि का सम्मान करते हुए भगोड़े दुल्हों के प्रत्यापर्ण करवाने में सहायक हो। इसके साथ ही एक स्वतंत्र जांच ऐजेंसी बनाई जाये जो कि पीड़ित महिलाओं से मिलकर मामलो की तह तक जाये। जी.के. ने कहा कि नियमावली बनने के बाद भविष्य में अप्रवासी भारतीय दुल्हों के भारतीय लड़कीयों से धोखा देने का मार्ग बंद हो जायेगा। क्योंकि विदेश स्थित भारतीय दूतावास उस संभावित शादी के बारे में वर पक्ष की तरफ से वधू पक्ष के सामने सच्चाई रखने के लिए मजबूर तथा अधिकृत होगा। जिस कारण शादी के बाद लड़की से धोखा होने की संभावना समाप्त हो जायेगी।

सिरसा ने कहा कि सभी अप्रवासी भारतीयों को एक ही रंग में रंगना गलत होगा। लेकिन कुछ लोगों के गलत होने के कारण सभी अप्रवासी भारतीय बदनाम हो रहे है। जो विदेश से भारत में कथित हनीमून छुट्टी मनाने के नाम पर आकर भोली-भाली भारतीय लड़की से शादी करके फुर्र हो जाते थे। उनके लिए अब हनीमून का रास्ता जेल का रास्ता बन सकता है। क्यांकि दिल्ली कमेटी द्वारा इस मसले पर की जा रही पहलकदमी ऐसे ठगों को जेल भेजने के लिए कारगर मार्ग तैयार कर रही है। सिरसा ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को अपने प्रदेश में ऐसा तंत्र विकसित करने के लिए अपील की। जिससे बिना किसी सरकारी मन्जूरी के कोई अप्रवासी भारतीय लड़की से शादी न कर सके।

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