श्री केशव रामलीला कमेटी द्वारा 165 फुट ऊंचे पुतले का दहन – सनातन विरोधियों का भी होगा प्रतीकात्मक अंत
दिल्ली के पीतमपुरा स्थित नेताजी सुभाष पैलेस में श्री केशव रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित भव्य रामलीला और दशहरा महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। DDA रामलीला ग्राउंड में विशालकाय पुतले स्थापित किए जा चुके हैं, जो यहां से गुजरने वाले सभी दर्शकों के लिए कौतूहल का विषय बने हुए हैं। इस वर्ष, रावण, कुम्भकर्ण, और मेघनाद के पुतलों के साथ-साथ सनातन धर्म के विरोधियों के प्रतीकात्मक पुतलों का भी दहन किया जाएगा।
श्री केशव रामलीला कमेटी के अध्यक्ष श्री अशोक गोयल देवराहा ने बताया, “विजयादशमी पर रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों के दहन की परंपरा के साथ ही इस बार सनातन विरोधियों का भी प्रतीकात्मक अंत किया जाएगा। पिछले कुछ समय में सनातन धर्म के प्रति असम्मान व्यक्त करने वालों की गतिविधियों को लेकर जनता में भारी रोष है, और इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए हम इस वर्ष इसका पुतला भी दहन करेंगे।”
इस वर्ष के पुतलों की ऊंचाई 165 फुट रखी गई है, जो अब तक के इतिहास में सबसे ऊंची होगी। इन भव्य पुतलों को देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से लोग बड़ी संख्या में रामलीला मैदान का दौरा कर रहे हैं। जैसे-जैसे रामलीला अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है, दर्शकों की भीड़ में जबरदस्त इज़ाफा देखा जा रहा है।
विशेष रूप से दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी। रामलीला मैदान में लगे खाने-पीने के स्टॉल्स और झूलों पर भी लोगों का हुजूम देखा जा रहा है। श्री केशव रामलीला कमेटी हर साल की तरह इस बार भी दशहरे के इस पावन पर्व को भव्य और यादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री केशव रामलीला कमेटी के संरक्षक श्री धर्म पाल अग्रवाल ने कहा,
“यह आयोजन केवल रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों के दहन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में बुराई और अधर्म के प्रतीकों के विरुद्ध सनातन धर्म की विजय को भी दर्शाता है। हम चाहते हैं कि इस दशहरे पर हर कोई अपने भीतर की नकारात्मकता को समाप्त कर धर्म और सत्य की राह पर आगे बढ़े।”
आयोजकों ने सभी दर्शकों से अपील की है कि वे समय पर पहुंचे और इस ऐतिहासिक पुतला दहन समारोह का हिस्सा बनें।