MCD स्मार्ट ऐप पर कर्मचारियों के अटेंडेंस लगाने पर ही वेतन दिए जाने की अनिवार्यता पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया यह निर्देश
दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को MCD स्मार्ट ऐप पर हाज़री लगाए जाने पर ही निगम प्रशासन के वेतन दिए जाने की अनिवार्यता के आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश जारी किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पैरामेडिकल टेक्निकल एम्प्लॉयीज वेलफेयर कर्मचारी एसोसिएशन के कर्मचारियों का वेतन 28 अक्टूबर तक एमसीडी स्मार्ट ऐप में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाने के कारण रोका नहीं जाए।
स्मार्ट ऐप द्वारा उपस्थिति लगाए जाने पर कोर्ट ने दिया यह निर्देश
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने एमसीडी द्वारा जारी 18 अगस्त, 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है ,जिसमें निर्देश दिया गया था कि RBIPMT और MVID अस्पतालों के सभी पैरा मेडिकल स्टाफ का वेतन उनकी उपस्थिति के बाद ही जारी किया जाए। यानि स्मार्ट एप्प द्वारा अटेंडेंस लगाए जाने की अनिवार्यता के आदेश के आधार पर वेतन दिए जाने के आदेश पर अब कोर्ट ने रोक लगा दी है।
स्मार्ट फोन के माध्यम से एमसीडी स्मार्ट ऐप पर अटेंडेंस लगाने के आदेश पर अब अदालत ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि
अगली तारीख तक निगम प्रशासन को यह सुनिश्चित करे कि याचिकाकर्ता कर्मचारियों का वेतन स्मार्ट फोन के माध्यम से MCD स्मार्ट ऐप में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाने के कारण रोका नहीं जाए।
बतादें कि अब इस मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
एसोसिएशन की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि आदेश बिना यह विचारे दे दिया गया कि इसके सभी कर्मचारी शिक्षित नहीं है और उनके पास स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं हैं। वहीं कोर्ट ने कहा कि अग्रिम सूचना दिए जाने के बावजूद एमसीडी की ओर से कोई पेश नहीं हुआ था, इसलिए न्यायालय नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगने की स्थिति में नहीं है कि याचिकाकर्ता कर्मचारियों की उपस्थिति को किसी अन्य तरीके से तब तक चिह्नित क्यों नहीं किया जा सकता जब तक कि वे स्मार्टफोन खरीदने में सक्षम न हों। और स्मार्ट ऐप को संचालित करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान नही दिया जाता है।