बादल नेतृत्व की विफलता ने पैदा किया पंथक राजनीति में एक बहुत बड़ा शून्य पैदा,पंजाब में हुए सियासी बदलाव पर पंथक हितैषियों का मंथन

न्यूज़ नॉलेज मास्टर, NKM NEWS,आज गुजरखान परिसर में पंथिक हितैषियों की एक बड़ी सभा में सिख विचारकों और विभिन्न सिख संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद और पहले की स्थिति पर चर्चा की गई। पंथिक हितैषियों की इस सभा में शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष स. परमजीत सिंह सरना ने इस सभा को बुलाने के उद्देश्य और आवश्यकता को स्पष्ट करते हुए उपस्थित सभी सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
इस पंथिक सभा में गुरतेज सिंह (आईएएस), गुरदर्शन सिंह ढिल्लों, स्वर्ण सिंह (पूर्व डिप्टी कमिश्नर ), पृथ्वीपाल सिंह कपूर, डॉ. बलकार सिंह, स. जगजीत सिंह गाबा, स. गुरप्रीत सिंह (चंडीगढ़), बीरदविंदर सिंह (पूर्व विधानसभा स्पीकर ) कुलदीप सिंह विर्क, अजयपाल सिंह बराड़, किरणदीप कौर (SGPC सदस्य), जसपाल सिंह हेरा, केहर सिंह, कुलदीप सिंह गर्गज,दविंदर सिंह हरिए वाल, हरजिंदर सिंह मांझी और अन्य पंथिक हितैषियों ने इस बात पर जोर दिया कि पंथिक बलों को जल्द से जल्द संगठित किया जाना चाहिए और पंथ के बोल- बाले के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।

बैठक में मौजूद सिख विद्वानों और नेताओं ने सर्वसम्मति से पांच प्रस्ताव पारित किए।
1) आज 19 मार्च 2022 को लुधियाना में सिख आगुआं की सभा की वर्तमान स्थिति में स. प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व की विफलता ने पंथिक राजनीति में एक बहुत बड़ा शून्य पैदा कर दिया है। अतः नई परिस्थितियों में सिखी सोच को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए और पंथ में नया नेतृत्व खड़ा करने का प्रयास किया जाए ताकि पंजाब की राजनीति और धार्मिक व्यवस्थाओं में पंथ और सिखी को चढदी कलां तक ले जाया जा सके ।
2) आज की बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को प्रत्यक्ष राजनीतिक प्रभाव से मुक्त किया जाना चाहिए और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को पूरी तरह से सिख धर्म के प्रचार के लिए प्रयास करना चाहिए।

3) आज की सभा को लगता है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आगामी चुनावों में गैर राजनीतिक और पंथक विचारधारा वाले लोगों को ही शामिल किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य किसी भी राजनीतिक चुनाव में भाग न लें।
4) पंथिक हितैषियों की आज की सभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया कि पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री के कार्यालय से हटाई गई महाराजा रणजीत सिंह की तस्वीर को तुरंत उसी स्थान पर फिर से लगाया जाना चाहिए।

5) पंजाब से राज्यसभा के लिए चुने जाने वाले सात नए सदस्य पंजाब के निवासी और पंजाब के हितों के संरक्षक होने चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *