एमसीडी के भ्रष्टाचार लगाम लगाने के लिए निगम प्रशासन का बड़ा कदम ,सर्कुलर जारी कर केंद्र सरकार के इस नियम को किया लागू
दिल्ली नगर निगम में व्याप्त भ्र्ष्टाचार किसी से छिपा नही है। निगम कि छवि को सुधारने की दिशा में प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है । एक ऐसे नियम को निगम में लागू कर दिया है जो अधिकारियों की जवाबदेही को बढ़ाएगा । नया नियम ईमानदारी बाबुओं के दिल को सुकून देने वाला है जबकि भ्रष्ट और बेईमान अधिकारियों के ब्लड प्रेशर को बढ़ाने वाला है ।
दिल्ली नगर निगम ने एक सर्कुलर जारी किया है । इस सर्कुलर के मुताबिक दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को अपनी किसी भी चल व अचल संपत्ति के खरीदने व बेचने से पूर्व सूचना देनी होगी व इस संबंध में विभागीय स्वीकृति प्राप्त करनी होगी ।अगर कोई अधिकारी इस नियम की अनदेखी करता है व गंभीरता से नही लेता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में अगर आप किसी प्रोपर्टी में निवेश करने वाले हैं तो आपको अपने विभाग को इसकी जानकारी देनी होगी। नए सरकारी आदेश के मुताबिक अगर आप ऐसा नही करते हैं तो आप पर कार्रवाई हो सकती है।
केंद्र सरकार का सर्विस नियम CCS,Civil Rule Conduct Rules,1964 हुआ लागू
बतादें की CCS,Civil Rule Conduct Rules,1964 के नियम के अनुसार निगम कर्मचारियों को किसी भी चल संपत्ति (movable property) के संबंध में, ट्रांजैक्शन पूरा होने की तारीख के एक माह के भीतर ही अधिकारी/कर्मचारी द्वारा उसकी सूचना दी जानी है जबकि, अगर ऐसा सौदा किसी आधिकारिक संबंध (Official dealing) रखने वाले व्यक्ति से हो रहा है तब उसकी कार्यालय में पूर्व सूचना देना / मंजूरी लेना अनिवार्य है। गौरतलब है कि यह सर्विस नियम तो एक जमाने से है पर निगम में इसे लागू नहीं किया गया।
ऐसे में दिल्ली नगर निगम के वे बाबू जो किसी प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं और उसकी जानकारी अपने विभाग को नहीं देते हैं तो उन पर अब इस मौजूदा नियम के मुताबिक कार्रवाई हो सकती है ।
MCD में व्याप्त भ्र्ष्टाचार की मिल रही ढेरों शिकायतें
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार को ऐसी कई शिकायतें मिली हैं जिसमें कर्मचारियों ने अपने दफ्तर को ऐसे निवेश करने से पहले नहीं बताया है और उन्होंने बिना मंजूरी के ही कई कई प्रॉपर्टी में निवेश कर रखा है। सूत्रों की माने तो गृहमंत्रालय की तरफ से इस मुद्दे पर निगम प्रशासन को गंभीर रुख अख्तियार करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं
विजिलेंस विभाग की रडार पर कई भृष्ट बाबू
ऐसे कई सरकारी बाबू अब विजिलेंस विभाग की रडार पर आ चुके हैं । जिन्होंने करोड़ो के वारे न्यारे किये हैं । ऐसे अधिकारियों पर अब सतर्कता विभाग की पैनी नजर बनी हुई है । इस सर्कुलर के जारी होने के बाद उनके दिल की धड़कन तेज़ हो चुकी है ।
दिल्ली नगर निगम को एक भ्रष्ट विभाग के रूप में जाना जाता है। इस सर्कुलर के जारी होने के बाद क्या निगम के भ्रष्टाचार पर लगाम लग पायेगी। क्या निगम की कार्यशैली पर इसका कोई असर होगा क्या निगम के काम करने के तौर-तरीकों में और पारदर्शिता आ पाएगी। इन सब सवालों के जवाब तो आने वाला वक्त ही देगा