आगरा ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाने वाले बाबा परमाल सिंह जी की आज है 181 वी जयंती

आज बाबा परमाल जी की 181 वी जयंती है, बाबा परमाल सिंह जी की के आव्हान पर ही सन 1941 में राजा महिंद्र प्रताप सिंह (मुडसान वाले), किसान नेता सर छोटूराम जी, पंजाब के प्रताप सिंह कैरो जी तीन दिन आगरा के छोटे से गांव नगला परमाल में तीन दिन रहे, इस तीन दिनो के उत्सव को जाट कालेज बड़ौत में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ नत्थन सिंह जी ने अपनी पुस्तक गौरव गाथा में परमाल जलसा के रुप में मनाया गया लिखा गया है, इस आयोजन में आगरा ग्रामीण की सभी बिरादरी के सज्जनों ने भाग लिया और शिक्षा हेतु  शिक्षा मंदिरो का निर्माण हो तीन शिक्षा मंदिरो का निर्माण करने का प्रण लिया गया जिसके फलस्वरूप चाहरवाटी इन्टर कॉलेज जैसी 3 संस्थाओ का निर्माण हुआ, जिससे क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगा।आगरा, मथुरा, भरतपुर, फिरोजाबाद, हाथरस, अलीगढ जिले तक के बच्चों ने चाहरवाटी इंटर कॉलेज से शिक्षा प्राप्त कर दुनियां में नाम कमाया।

आगरा में ग्रामीण  समाज  बाबा परमाल को भगवान की तरह नित्य पूजा करती हैं, देश की आज़ादी में भी बाबा परमाल सिंह ने अपने भाइयों के साथ मिलकर भाग लिया, आगरा ग्रामीण क्षेत्र के लोगो ने बाबा परमाल सिंह जी का मंदिर निर्माण किया है और प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को सभी क्षेत्र वासी बाबा परमाल सिंह जी जयंती बड़ी धूम धाम से मनाते है, बाबा की जयंती में सांसद सिने अभिनेता राजबब्बर, पूर्व विधान परिषद सदस्य अतर सिंह यादव,सांसद बाबूलाल, अंतराष्ट्रीय बॉक्सर बिजेंद्र, राज्यपाल सत्यपाल मलिक, उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सहित तमाम प्रतिष्ठित समाज सेवी, विधायक, विधान परिषद सदस्य, राज्य सभा सांसद, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, डॉक्टर, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी,वाइस चांसलर भी बाबा परमाल सिंह जी की जयंती में भाग ले चुके है।

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