सीलिंग की मार से मुखर्जी नगर को बचाने के लिए मशाल जुलूस निकाला

मुखर्जी नगर बचाव अभियान मुहिम के तहत 11 अक्तूबर को जनसभा करने का किया ऐलान।

यूपीएससी की तैयारी करने वालों के हब मुखर्जी नगर को सीलिंग की मार से बचाने स्थानीय लोगों लामबंद हो गए है। कोचिंग संस्थानों के साथ ही व्यापारी, पीजी चलाने वाले और छात्रों ने भी मोर्चा खोला है। अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को मशाल जुलूस निकालकर विरोध दर्ज किया। सोमवार को भाजपा सांसद मनोज तिवारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपने के बाद मुखर्जी नगर बचाव मुहिम के तहत सड़क पर उतरकर अपनी मांगें रखीं।

मुखर्जी नगर में कोचिंग संस्थानों पर सीलिंग की वजह से इलाके की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने पहुंचे देश भर के हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होने की बात भी कही गई है। सीलिंग का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि मास्टर प्लान में दो तरह की बातें नहीं हो सकती। जब राजेंद्र नगर इलाके में कोचिंग संस्थान चलाने की अनुमति मिल सकती है तो मुखर्जी नगर में सीलिंग क्यों की जा रही है। नियम और मानदंड एक तरीके का होना चाहिए। जहां नियमों का उल्लंघन हो रहा है उसे व्यवस्थित करने की आवश्यकता है।

मुखर्जी नगर बचाव मुहिम कोर कमेटी के सदस्य क्रिस्टोफर, राजीव सहगल ने मशाल जुलूस निकालने के दौरान ऐलान किया कि 11 अक्तूबर को एक बड़ी जनसभा करने का ऐलान किया। एसएस भारती व इमरोज मुहम्मद का कहना था कि लापरवाह कोचिंग सेंटर नहीं है बल्कि एमसीडी गलत तरीके से सीलिंग कर रही है। अचानक से पठन-पाठन का क्षेत्र सूना हो गया है। इससे बड़े व्यापारी ही नहीं रेहड़ी-पटरी वाले, खोमचे वाले भी बेरोजगारी का सामना कर रहे है। जल्द ही उपराज्यपाल से मिलकर समस्याओं को संज्ञान में लाया जाएगा। दिल्ली की मेयर और स्थानीय विधायक दिलीप पांडेय ने भी आश्वासन दिया है कि एमसीडी से होने वाली परेशानी का समाधान ढ़ूंढ़ा जाएगा। मशाल जुलू में गौरव तुल्ली, केसरी, कोमल गर्ग, कुलदीप ढलोरिया, रणजीत सिंह, रोहित मलिक, भूपिंदर सिंह समेत कई लोग शामिल हुए।

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