दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नेताओं ने जी.के. के इस्तीफे की खबर को नकारा
न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS)दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. के कमेटी अध्यक्ष पद छोड़ने की मीडिया में चली खबर पर कमेटी का स्पष्टीकरण सामने आया है। कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह फतेह नगर, धर्मप्रचार कमेटी चेयरमैन परमजीत सिंह राणा एवं सदस्य चमन सिंह ने आज कमेटी दफ्तर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जी.के. द्वारा व्यस्तता के कारण अपना कार्यभार कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कालका को सौंपने का दावा किया।
कालका ने कहा कि 2013 एवं 2017 में जी.के. के चेहरे को सामने रखकर हम कमेटी चुनाव जीत कर आये हैं। किसी हालत में भी दिल्ली की संगत की सेवा से पीछे हटना हमारे लिए जायज नहीं हैं। देश-विदेश में लम्बे समय के लिए जाने से पहले हमेशा जी.के. अपना कार्यभार वरिष्ठ उपाध्यक्ष को सौंप कर जाते रहे हैं। परन्तु विरोधी पक्ष ने इस आम कार्यवाही को सियासी रंगत देकर अपनी सियासत चमकाने की ओछी हरकत की है। कालका ने सरना को अपनी मूल पार्टी कांग्रेस में जाने की सलाह देते हुए कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान सरना पार्टी द्वारा की गई नाकामियों के कारण संगत ने इनकों घर पर बैठा दिया है। इसलिए झूठा प्रचार करने की बजाये इन्हें आगामी चुनाव के लिए तैयारी करनी चाहिये।
अमरजीत ने विरोधी दलों पर 1984 के कातिलों को बचाने के लिए कमेटी अध्यक्ष के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। राणा ने कहा कि हम सभी शिरोमणी अकाली दल के सिपाही हैं, इसिंलए पार्टी की नीतियों के खिलाफ नहीं जा सकते। जी.के. की तरह हमारे मन में भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हुई बेअदबी का रोष है। पर इस पर सियासत करने की जगह सबको असल दोषियों को पकड़ने की तरफ ध्यान देना चाहिये। कमेटी नेताओ की प्रतिक्रिया से पहले जी.के. ने भी अपने घर पर कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए अध्यक्ष के पद से इस्तीफा न देने का दावा किया था। हालांकि जी.के. ने कुछ मसलों को लेकर पार्टी की मौजूदा हाईकमान तथा वरिष्ठ नेताओं के बीच बढ़ी दूरी को दूर करके ही पार्टी की बेहतरी की बात कही थी।