सड़को पर किसान,महाराष्ट्र सरकार परेशान

मुंबई,न्यूज़ नॉलेज मास्टर,(NKM),किसान आन्दोलन ने महाराष्ट्र सरकार की परेशानी बढ़ा दी है..सियासी दलों को सरकार को घेरने का मौका मिल गया है..किसान अपनी मांगों को लेकर मुंबई के आज़ाद मैदान पहुंच चुके हैं..बीते 6 दिनों में किसान 180 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर नासिक से मुंबई पहुंचे हैं। इन किसानों की संख्या 30 हजार से ऊपर बताई जा रही है। किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें भी लागू की जाएं। इसके साथ ही किसानों की मांग है कि आदिवासी किसान भूमि आवंटन से जुड़े मामलों का निपटारा किया जाए.. हैं। दावा किया जा रहा है कि इस मार्च में सबसे ज्यादा आदिवासी किसान ही हैं। मार्च में शामिल आदिवासी किसानों कहना है कि कई बार अधिकारी आकर उनके खेत उलट देते हैं। वो जब चाहें तब ऐसा कर सकते । आदिवासी अपनी भूमि पर हक चाहते हैं। किसानों की मांगों में कर्ज माफी के साथ ही उचित समर्थन मूल्य और जमीन पर मालिकाना हक शामिल है..वहीं मुंबई के डिब्बावालों ने इन किसानों को आजाद मैदान में खाने के डिब्बे की डिलिवरी दे रहे हैं
किसानों की तरफ से मांग की जा रही है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार खेती में होने वाले कुल खर्च के साथ ही उसका 50 प्रतिशत और दाम बतौर समर्थन मूल्य दिया जाए। किसानों की मांग है कि सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य देना काफी नहीं है बल्कि उचित समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। । गरीब और मध्यम वर्गीय किसानों के ऋण माफ किंया जाये ऐसी किसानों की मांग है। किसान संगठन चाहते है कि सरकार गरीब और मध्यम वर्गीय किसानों के ऋण माफ करें। किसानों का यह आरोप भी है कि ऋण माफी को लकेर आंकड़ों को ज्यादा बताया जा रहा है।मार्च में शामिल किसानों की मांग है कि राज्य सरकार ने बीते साल कर्जमाफी का जो वादा किया था उसे पूरा करे। किसानों की मांग है कि… किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें भी लागू की जाएं। किसानों के इस आंदोलन को शिवसेना, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, कांग्रेस और आप का समर्थन हासिल है। आज से महाराष्ट्र में दसवीं की परीक्षाएं भी शुरू हो रही है। राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे यातायात को ना रोकें ताकि छात्र समय पर परीक्षा देने के लिए पहुंच पाएं।

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