हनीप्रीत के चक्र में पुलिस बनी घनचक्र
डोन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुम्किन भी है..डॉन फिल्म के इस संवाद ने…मानो बलात्कारी बाबा की हनी को पर लगा दिए हैं ।सात राज्यों की पुलिस एक साथ मिलकर भी जिस हनी का पता न लगा पाई हो… बाबा की वो चहेती… चौबीस घंटे मस्तैद रहने वाली दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे से होकर… हाईकोर्ट तक पहुंच जाए . हाईकोर्ट बेल की अर्जी खारिज भी कर दे… बावजूद इसके अगर पुलिस हनी को पकड़ न पाए… तो इससे पुलिस और प्रशासन तो सवालों के घेरे में आते ही हैं… साथ ही ये भी पता चलता है कि बलात्कारी बाबा की चहेती हनी के दिलों दिमाग में कितनी कड़वाहट है…कड़वाहट सिस्टम के खिलाफ हो या पापा प्रेमी से अलग होने की… कड़वाहट तो है ही…हनीप्रीत को अब ये समझ लेना चाहिए..कि वो डेरा नुमा छत्ते से अलग हो चुकी है…और अब तो डेरा खुद अपने अस्तित्व को बचाने की जद्दोजहत में लगा है…ऐसे में वो कहां तक और कब तक अपने आप को छुपा पाएगी…कहते है कि पाप का घड़ा एक दिन भरता जरूर है… भले ही देर से ही सही…दुनिया भर को इंसानियत का पाठ पढ़ाने वाला बाबा जब खुद शैतान बन जाए तो उसका क्या हष्र होता है इसका अंदाजा अब राम रहिम को लग ही गया होगा…लेकिन हनी को ये बात क्यों समझ नहीं आ रही कि जब उसके अराध्य खुद को ही नहीं बचा पाए… तो भला वो कब तक खैर मनाएगी…बहरहाल माना जा रहा है कि हनीप्रीत दिल्ली में ही है। दिल्ली हाईकोर्ट से उसकी अग्रमि याचिका को खारिज किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है…अब देखना यह है कि पुलिस के हाथ कामयाबी कब लग पाती है