MCD महापौर के चुनाव की तारीख का चौथी बार एलान,क्या नेता होंगे दिल्ली पर मेहरबान ?


दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने महापौर का चुनाव  कराने के लिए दिल्ली नगर निगम ( MCD) की बैठक 16 फरवरी को बुलाने को मंजूरी दे दी है. दिल्ली सरकार ने सदन का 16 फरवरी को बैठक बुलाने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे LG वी.के.सक्सेना ने स्वीकार कर लिया है.अब घूम फिर कर लाख टके का सवाल फिर वही है कि इस बार भी वही हाल होगा जो पिछली तीन बैठकों से लगातार हो रहा है यां फिर दिल्ली को इस बार महापौर मिल जाएगा।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की आपसी खींचतान के चलते एक महीने में एमसीडी सदन की अब तक तीन बैठकें स्थगित हो चुकी हैं। मनोनीत पार्षदों (एल्डरमैन) को मताधिकार देने के फैसले को लेकर हंगामे के बीच महापौर, उपमहापौर और नगर निकाय की स्थायी समिति के चयन के बिना स्थगित हो चुकी हैं.

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने सक्सेना के फैसले का स्वागत किया और कहा कि

आप को पीठासीन अधिकारी के निर्देशों का पालन करना चाहिए. भाजपा प्रवक्ता ने कहा, पिछली बैठक में पीठासीन अधिकारी द्वारा की गई घोषणा के अनुसार गुप्त मतदान के माध्यम से ‘एल्डरमैन’ के मताधिकार संग एक साथ तीन चुनाव कराने में पीठासीन अधिकारी को भाजपा सभी तरह का सहयोग देगी.

दिसंबर में नगर निगम के  चुनाव के बाद सदन की पहली बैठक छह जनवरी को बुलाई गई थी, लेकिन आप के  एल्डरमैन को पहले शपथ दिलाये जाने के विरोध को लेकर भाजपा निगम पार्षदों के साथ जमकर बवाल हुआ और बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। इसके बाद सदन की दूसरी बैठक 24 जनवरी को हुई थी. इस बैठक में पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह हो गया और एल्डरमैन की शपथ भी हो गई। लेकिन फिर हंगामा बरपा और फिर प्रोटेम पीठासीन अधिकारी ने बैठक स्थगित कर दिया था. इसके बाद 6 फरवरी को लगातार तीसरी बार निगम की बैठक शुरू होते ही पीठासीन अधिकारी ने  मनोनीत पार्षदों को वोटिंग राइट के अधिकार के साथ आप के दो विधायकों के सजायाफ्ता होने का हवाला देते हुए सदन से बाहर जाने को कह दिया. इस बात पर फिर बवाल मच गया. 

AAP का आरोप  है कि महापौर का चुनाव इसलिए नहीं हो सका, क्योंकि भाजपा लोकतंत्र और भारत के संविधान का गला घोंट रही है और मनमानी कर रही है। सदन में बहुमत न होने के बावजूद वो निगम पर काबिज रहना चाहती है। AAP एल्डरमैन के वोटिंग अधिकार को गलत ठहरा रही है जबकि भाजपा ओनिका गहरोत्रा केस को आधार बनाकर एल्डरमैन को महापौर, उपमहापौर व स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव में वोट देने की वकालत कर रही है जबकि आम आदमी पार्टी इसे दिल्ली नगर निगम एक्ट की उल्लंघना करार दे रही है। इस मुद्दे पर उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया है।

बतादें कि राष्ट्रीय राजधानी में एमसीडी का चुनाव पिछले साल चार दिसंबर को हुआ था और सात दिसंबर को नतीजे आए थे. आप ने 250 में से 134 वार्ड पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को 104 सीट मिली थीं और एक निर्दलीय निगम पार्षद भाजपा में शामिल हुए जिससे सदन में भाजपा के पास 105 निगम पार्षद हैं।

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