हिंदू युवक-युवतियों की नृशंस हत्याओं के पीछे देश में बढ़ती इस्लामिक कट्टरता: विहिप

नई दिल्ली,न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS) विश्व हिंदू परिषद से दुर्गा वाहिनी व मातृशक्ति द्वारा रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर मौन धरना दिया गया। धरने के द्वारा मांग की गई कि हर्षा हिन्दू व किशन भरवाड सहित देशभर में जगह-जगह मजहब के नाम पर हिंदू युवाओं को हिंसा का ग्रास बनाया जा रहा है। इस अवसर धरना दे रही महिलाओं को सम्बोधित करते हुए दुर्गा वाहिनी क्षेत्र संयोजिका मालती शर्मा एवं केंद्रीय टोली से डा यज्ञना जोशी ने पूछा कि क्या अब हिंदुओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी छीनी जा चुकी है? जहां भी किसी ने कुछ बोला, उसका कत्ल कर दिया। ये इस्लामिक जिहादीयों की प्रवृत्ति सी बन गई है।


इस अवसर पर विहिप दिल्ली के अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना ने कहा कि
विद्यार्थियों को अब मजहब के आधार पर बांट कर मुस्लिम बेटियों को शिक्षा से बंचित करने के जो षड्यंत्र रचे जा रहे हैं वे कदापि स्वीकार नहीं होंगे।

प्रान्त मंत्री श्री सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि

जगह जगह पर हिंसा, अलगाववाद व आतंक फैलाने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि यह भारत है कोई पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्की या सीरिया नहीं जहां शरिया की शरारतों को सहन किया जा सके।
वक्ताओं ने कहा कि पिछले दिनों हुईं दर्जनों हिंदू युवक-युवतियों की नृशंस हत्याओं के पीछे देश में बढ़ती इस्लामिक कट्टरता और आतंकी मानसिकता प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। अकेली दिल्ली के अंदर पिछले कुछ महीनों में ही दर्जन भर से अधिक युवाओं को सरेआम काल का ग्रास बना दिया गया।
उन्होंने पूछा कि हिंदू बेटे-बेटियों की जिहादीयों द्वारा सरेआम निर्मम हत्याओं पर सेक्युलर बिरादरी के राजनेताओं व कथित बुद्धिजीवियों में सन्नाटा क्यों छा जाता है? सेकुलरिज्म के पैरोकार विद्यालयों को भी कम्युनल एजेंडा क्यों चलाना चाहते हैं?

हिंदुओं के हत्यारों व देश को साप्रदायिक आधार पर विभाजित करने वालों के विरुद्ध मूक धरना देने वाली दिल्ली दुर्गा वाहिनी व मातृ शक्ति की सदस्याओं ने कर्नाटक के हुतात्मा हिंदू युवक बजरंगी हर्षा को श्रद्धांजलि देते हुए संकल्प व्यक्त किया कि अब हिंदू चुप नहीं बैठेगा। यदि जिहादी अपनी मानसिकता से बाज नहीं आए तो हिंदू युवक और युवतियां भी अपनी व समाज की आत्म रक्षा के लिए मजबूर होंगे।

मौन प्रदर्शनकारियों के हाथों में ’मजहब के नाम पर मार डालोगे क्या?’ ’कत्ल के पीछे कट्टरता’ ’हिन्दू लाइफ ’मैटर्स ’जस्टिस फ़ॉर हर्षा’ ’’व्हाई किल्ड ? सपोर्टड ईक्वालिटी ? सपोर्टड यूनिफार्म ? ’विद्यार्थियों को विद्यार्थी ही रहने दें, साम्प्रदायिक विभाजन ना करें’ जैसे बैनर व प्लकार्ड बहुत कुछ कह रहे थे।

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